आदत बदल दू कैसे तेरे इंतेज़ार की
ये बात अब नही है मेरे इकतियार की
देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है
बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की
तुम दूर बहुत
दूर हो मुझसे..
ये तो जानती हूँ मै
सांवरे
पर तुमसे करीब मेरे
और कोई नही है
बस ये बात तुम याद रखना
तन्हैइिओं मे उनको ही याद करते हैं
वो सलामत रहे यही फरियाद करते है,
हम उनके ही मोहब्बत का इंतेज़ार करते है
उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते है .
गुलाब की महक भी फीकी लगती है,
कौन सी खुश्बू मुज़मे बसा गयी हो तुम,
ज़िंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
यह कैसा खाव्ब आँखो को दिखा गयी हो तुम…
ज़िंदगी के मायने तुझसे है...
ज़िंदगी की ख्वाशें तुझसे है..
तू क्या जाने तू क्या है मेरे लिए...
मेरी हर साँस का वजूद तुझसे है
हर एक मुलाकात पर वक़्त का तक़ाज़ा हुआ,
जब से उसे देखा दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ़ गाज़ल में जुदाई की बातें,
आज खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ.
ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दुहरा हुआ होगा
मैं सजदे में नहीं था आपको धोखा हुआ होगा
यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ
मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा!!
तुम जिस साबुन से नहाती हो.....
तुम जिस साबुन से नहाती हो.....
उस साबुन को किस साबुन से धोती हो....?
इतना ऐतबार तो अपनी धड़कनो पर भी हमने ना किया,
जितना आपकी बातों पर करते हैं;
इतना इंतेज़ार तो अपनी साँसों का भी ना किया,
जितना आपके मिलने का करते हैं!
अब हमसे इंतेज़ार नही होता…
इतना महेंगा तो किसी का प्यार नही होता…
हम जिसके लिए हुए रुसवा ज़माने मे…
वो अब बात करने को भी तैयार नही होता…
नज़रें मेरी कहीं तक ना जायें,
बेवफा तेरा इंतेज़ार करते करते,
यह जान यूँ ही निकल ना जाए,
तुम से इश्क़ का इज़हार करते करते…
ज़ख़्म इतने गहरे है हमको मालूम ना था,
हम खुदी पर वार करते रहे यह ख़याल ना था,
खुद ही लाश बन गये इस ख़याल से के जनाज़े पे वो मेरे आएँगे,
अब इस से ज़्यादा उनके दीदार का इंतिज़ार क्या करे.
ये ज़िंदगी तब हसीन होती है...
जब हर दुआ कबूल होती है,
कहने को तो सब अपने है...
पर काश कोई ऐसा हो
जो ये कहे तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ़ होती है...
नसीब नसीब की बात होती है...
कोई नफरत देकर भी बेपनाह प्यार पाता है...
और कोई बेपनाह प्यार देकर भी यहाँ...
बस खाली हाथ रह जाता है...
तुम्हे मैं जब भी देखता हूँ ,
मेरी निगाहे खामोश हो जाती हैं,
लेकिन तेरी पलको के साए मैं आकर ,
तेरी इन्ही प्यारी झुलफो को देखति है…
नसीब नसीब की बात होती है...
कोई नफरत देकर भी बेपनाह प्यार पाता है...
और कोई बेपनाह प्यार देकर भी यहाँ...
बस खाली हाथ रह जाता है...
बातों बातों में उलझाना कोई आपसे सीखे
दिल को ऐसे बहलाना कोई आपसे सीखे
कैसे तड़पते हैं चाहने वाले को अपने
आधाओं से सितम करना कोई आपसे सीखे
चाहत पर अब एतबार ना रहा,
खुशी क्या है यह एहसास ना रहा,
देखा है इन आँखोने टूटे सपनो को,
इसलिए अब किसी का इंतेज़ार ना रहा…
हम रूठे दिलो को मानने में रह गये..
गैरो को अपना दर्द सुनने मे रह गये..
मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गयी..
और हम औरो को रास्ता दिखाने मे रह गये.!!
ज़िंदगी हसीन है इससे प्यार करो…
हर रात की नई सुबा का इंतजार करो
वो पल भी आएगा, जिसका आपको इंतजार है
बस अपने रब पर भरोसा और वक़्त पर ऐतबार करना…
मेरी आखों में तुम अपनी दुनिया बसा लेना,
मेरे दिल में तुम अपना घर बना लेना,
तेरे दिल में जान है मेरी,
तुम अपनी जान को मेरी जान बना लेना.
ज़िंदगी तस्वीर भी ओर तक़दीर भी हैं
फराक तो बस रंगो का हैं
मानचाहे रंगो से बने तो तस्वीर
ओर आंजने रंगो से बने तो तक़दीर
तरस गए आपके दिदार को ।
फिर भी दिल आप ही को याद करता है ।
हमसे खुश नसिब तो आपके घर का आईना है ।
जो हर रोज आपके हुस्न का दिदार करता है ।
हसरत है सिर्फ़ तुम्हे पाने की,
और कोई ख्वाईश नही इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नही खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी तुम्हे इतना खूबसरत बनाने की
हाल दिल का तुम्हे सुनते अगर तुम पास होते,
अश्क तुम्हारे साथ बहते अगर तुम पास होते,
चाँदी रात की उन हसीन मुलाक़ातो को,
फिर से एक बार दोहराते अगर तुम पास होते .
उनके दीदार के लिए तपड़ता है दिल,
उनके इंतेज़ार में तरसता है दिल,
क्या कहे इश्स कमबख़त ज़िंदगी को,
होकर अपना किसी और के लिए धड़कता है दिल.